सत्य, सनातन, सुन्दर शिव! सबके स्वामी। |
अविकारी, अविनाशी, अज, अन्तर्यामी॥ हर हर . |
आदि, अनन्त, अनामय, अकल कलाधारी। |
अमल, अरूप, अगोचर, अविचल, अघहारी॥ हर हर.. |
ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर, तुम त्रिमूर्तिधारी। |
कर्ता, भर्ता, धर्ता तुम ही संहारी॥ हरहर .. |
रक्षक, भक्षक, प्रेरक, प्रिय औघरदानी। |
साक्षी, परम अकर्ता, कर्ता, अभिमानी॥ |
हरहर .. |
मणिमय भवन निवासी, अति भोगी, रागी। |
सदा श्मशान विहारी, योगी वैरागी॥ हरहर .. |
छाल कपाल, गरल गल, मुण्डमाल, व्याली। |
चिताभस्मतन, त्रिनयन, अयनमहाकाली॥ हरहर .. |
प्रेत पिशाच सुसेवित, पीत जटाधारी। |
विवसन विकट रूपधर रुद्र प्रलयकारी॥ हरहर .. |
शुभ्र-सौम्य, सुरसरिधर, शशिधर, सुखकारी। |
अतिकमनीय, शान्तिकर, शिवमुनि मनहारी॥ |
हरहर .. |
निर्गुण, सगुण, निर†जन, जगमय, नित्य प्रभो। |
कालरूप केवल हर! कालातीत विभो॥ हरहर .. |
सत्, चित्, आनन्द, रसमय, करुणामय धाता। |
प्रेम सुधा निधि, प्रियतम, अखिल विश्व त्राता। |
हरहर .. |
हम अतिदीन, दयामय! चरण शरण दीजै। |
सब विधि निर्मल मति कर अपना कर लीजै। |
हरहर .. |
Wednesday, 21 May 2014
सत्य, सनातन, सुन्दर शिव! सबके स्वामी।
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